Tuesday 13 August 2013

एक बैचेनी है ...जो भटकाती है .....
एक दुःख है ...जो गहरा जाता है ...
एक घुटन है ...जो पंख पसार रहा है ....
एक वेदना है ....जो समा रही है .....
एक व्याकुलता है ...जो अधीर बना रही है .....
एक कल्पना है ...जो सपने बुनती है 
एक ख्वाइश है ...जो गति दे रही है .....
एक सुख है ...जो मुस्काता है .....
एक प्रेम है ......जो सबल देता है ......
एक पूर्णता है .....जो तुमसे मिला देती है .....
.....प्रार्थना ......

1 comment:

  1. गहरी बातें है..... सुन्दर कविता है..

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