Tuesday 1 October 2013

 मनन ......
हमारे  "  विचार " ही हमें परिभाषित करते हैं ..... अच्छे और बुरे दोनों ही हमारे मस्तिष्क में जन्म  लेंगे ....क्योंकि हम साधारण इंसान हैं ......किस दिशा में उन को आगे ले जाना है .....क्या रूप और रंग निर्धारित करना है ......किस पर और काम करना है और इस पर भी गौर करना की यह हमें किस ओर ले जायेगा .....आदि ...आदि .... हमें किस को कितनी तजरीह देनी है , यह हम पर निर्भर करता है ..जिसे हम देंगे वही हम बनेंगे .......
        हमारे विचार ही हमें साधारण से असाधारण की ओर का मार्ग प्रशस्त करते हैं ....क्योंकि एक सादा और सरल विचार ही एक ....असाधारण विचार को जन्म देता है ....इसलिए गुनना जरुरी है .......बड़े-बुजर्ग यही कहते हैं ....और करते भी आये हैं ...शायद उन लोगों का  जीवन साधारण होते हुए भी हम से अच्छा ,साथ - साथ और सकूँन से बीता ...... हमारे विचार ही हमें भगाते हैं ...और हम भागे जा रहे हैं ......  क्षणिक सुखों को मापदंड मान , जीवन का अर्थ कहते हुए ..... किस  दिशा में मालूम नहीं .....और अंत में एकाकीपन और खाली - सा आँगन निहारने को शेष रह  जाता ....
.....प्रार्थना ......
[ बस यूँ एक विचार .......]