Saturday 25 February 2012

जीवन के अभिन्न रंगों में भक्ति का रंग सर्वौच्च है,जो प्रेम, श्रद्धा और समर्पण का मेल है.....इस रंग के चढ़ने पर जीवन में अभिव्यक्ति का भाव बहने लगता है और यही हमें सरल बनता है......
मेरी लेखनी ने इन्हें लिखने में मेरा साथ कुछ इस तरह से दिया है.......

"तेरे प्रेम की छत्र-छाया पाकर, मैं
हर पल को प्रेम में जी लूँ , मैं
सुख में तेरी कृपा पाऊँ,मैं
और दुःख में भी तेरी डोर से बँधी रहूँ, मैं".......

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1 comment:

  1. prem ko paribhashit karti sundar abhiwyakti....!! swagat hai....

    mere blog par bhi padhare....http://yomantra.blogspot.com

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