Saturday 18 February 2012

सपनों को पंख लगा दूँ और नयनों को हकीकत दिखा दूँ......कलमों में स्याही भर दूँ और मन की किताब तुम्हें दूँ...

कानों में गुनगुना दूँ और मुख में मिसरी घोल दूँ .....हृदय में प्रेम भर दूँ और रोम-रोम पुलकित कर दूँ.....

क्यों की मन का पंछी अब उड़ना चाहे....

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