पल-पल तुझमें स्वयं को
पिघला लेना
मुझे भाने लगा है....
तेरे आगे यूँ ही स्वयं को
पिघला लेना
मुझे भाने लगा है....
तेरे आगे यूँ ही स्वयं को
बिखरा देना
मुझमें सामने लगा है.....
तेरा माध्यम बन स्वयं को
समझ जाना
मुझे तृप्त करने लगा है....
तेरी निश्छलता बन स्वयं को
संतुष्ट करना
मुझे मुक्त करने लगा है......
मुझमें सामने लगा है.....
तेरा माध्यम बन स्वयं को
समझ जाना
मुझे तृप्त करने लगा है....
तेरी निश्छलता बन स्वयं को
संतुष्ट करना
मुझे मुक्त करने लगा है......
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