हृदय की बंजर जमीं पर,जब भक्ति की स्नेह वर्षा होती है तो कुछ अंकुर स्वतः ही फूट पड़ते हैं.....उन पल्लवों पर कुछ ओस की बूँदें भावना बन कर उभर जातीं हैं.....बस ये वही आवेग हैं......

Wednesday, 13 February 2013
On "valentine day" eve .....
"प्रेम"..... को बयाँ...इजहार,....अभिव्यक्त,..महसूस .....
करने या कराने का दिन ....
प्रेम तो हर रिश्ते में है बस पवित्रता , निस्स्वार्थ्ता और गरिमा होनी चाहिए ....क्या मीरा, राधा , सुभद्रा , द्रौपदी ,गोपियाँ आदि इसके उदाहरण काफी नहीं है ....
क्या था उनके भाव में और जो उन्होंने सरलता ....सहजता...और सरसता से पाया .....
इस पर इतना हो - हल्ला क्यों ????
वैसे तो दिन का महत्व नहीं , पर है भी उससे क्या फर्क ?? यह तो बस एक भाव भर है .....जिसका आधार "विश्वास " है......
..........प्रार्थना ........
"प्रेम"..... को बयाँ...इजहार,....अभिव्यक्त,..महसूस .....
करने या कराने का दिन ....
प्रेम तो हर रिश्ते में है बस पवित्रता , निस्स्वार्थ्ता और गरिमा होनी चाहिए ....क्या मीरा, राधा , सुभद्रा , द्रौपदी ,गोपियाँ आदि इसके उदाहरण काफी नहीं है ....
क्या था उनके भाव में और जो उन्होंने सरलता ....सहजता...और सरसता से पाया .....
इस पर इतना हो - हल्ला क्यों ????
वैसे तो दिन का महत्व नहीं , पर है भी उससे क्या फर्क ?? यह तो बस एक भाव भर है .....जिसका आधार "विश्वास " है......
..........प्रार्थना ........
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