Saturday, 6 April 2013

जब मौन ना समझा जाये तो , कुछ कहना व्यर्थ है 
जब आँसू ना पौंछे जायें तो , अभिव्यक्त करना व्यर्थ है 
अपने आप को ही समझाना , बचाना और सुधारना  कारगर उपाय है .....
......प्रार्थना .........

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