ना बिखरो तुम इस जीवन की पगडंडीयों पर
ना चुरा सकेगा कोई तुम्हारे मन की सोच -विचार
ना मिटा सकेगा तुम्हारे होने का वजूद - अस्तित्व
ना हिला सकेगा तुम्हारे चित की शान्ति - चैन
बस तू चल -चली ...चल ....डगर पर
जीवन की सार्थकता लिए ....अपने हृदय में .....
......प्रार्थना ......
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