चला -चल अपनी गति से , न औरों की गति देख
और निकल पड़ - अपने व्योम से मन की गति पाने .....
मन को एकाग्र कर , जरा सा पा ले उसे
तुझे कभी-कहीं भी अचानक मिल जायेगे
तेरे प्रेम-भरे मौन के सम्पदन में.. ... ..""तेरे अपने मोहन"".........
और निकल पड़ - अपने व्योम से मन की गति पाने .....
मन को एकाग्र कर , जरा सा पा ले उसे
तुझे कभी-कहीं भी अचानक मिल जायेगे
तेरे प्रेम-भरे मौन के सम्पदन में.. ... ..""तेरे अपने मोहन"".........
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