Monday, 23 May 2011

तेरा स्नेह पा मैं धन्य हुई,
    जो तूने हृदय में प्रेम भर दिया .....
इस रीते घट में आनन्द भर दिया,
    जो हर पल छ्लके मेरे नयनों से
अपनी प्रेम-बोछार से भिगो दिया....

 तन-मन तृप्त हुए जैसे,अम्बर की फुहार से धरा
    सभी को अपने हृदय में पाया,
देखा -तू हर हृदय में समाया....

 यही तो है तेरी "प्रेम की मंजुषा "
     न निकलूँ कभी यही है "मेरी -आशा ".....

2 comments:

  1. aapke sabhi blogs mai mujhe "Man Ki Baat Blog sabse jyada pasand aaya.....apki saral or sundar abhwyakti apki rachnao ki jaan hai....issi tarah likhte rahe swagat hai .. kabhi samay ho to mere blog par bhi padhare apka swagat hai .....!!

    Jai HO Mangalmay HO

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